
ग़ज़ल विधा पर एकाग्र पत्रिका के इस अंक में प्रगतिशील विचारधारा से युक्त कुछ अच्छी ग़ज़लों का प्रकाशन किया गया है। पत्रिका के इस अंक में तुली फकीर चंद जलंधरी, राजेन्द्र तिवारी, अखिलेश तिवारी, इक़बाल हुसैन इकबाल, ख्याल खन्ना एवं विपिन विहारी की ग़ज़लें प्रभावित करती है। पत्रिका की अन्य रचनाएं भी पठनीय है।
गज़ल विधा पर एकाग्र इस पत्रिका के बारे में जानकर अच्छा लगा ।
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