
पत्रिका का समीक्षित अंक उत्कृष्ट रचनाओं से परिपूर्ण है। अंक में ख्यात कथाकार रमेश दवे जी से साक्षात्कार प्रभावित करता है। उनकी कहानी सभ्यता आज के समाज व उसके वातावरण को सहज अभिव्यक्ति देती है। दीपक प्रकाश त्यागी का आलेख नयी कविता का काव्य चिंतन विषय वस्तु की विशद व्याख्या करने में सफल रहा है। राजीव नागदेव, हेमंत गुप्ता एवं सुबोध श्रीवास्तव की कविताएं भी अपने समय की सफल अभिव्यक्ति कही जा सकती है। विनोद साब की कहानी चालीस साल की लड़की एवं भवानी सिंह की कथा मकडियां भी कुछ नयापन लिए हुए हैं। पत्रिका की सबसे अधिक पठनीय रचना नाटक गंगाराम एम.बी.बी.एस. है जो प्रत्येक पाठका को अवश्य ही पसंद आएगी। शकूर अनवर व चंद्रमणि त्रिपाठी की ग़ज़लें भी उल्लेखनीय हैं। पत्रिका का व्यंग्य विधा पर एकाग्र संपादकीय इसे एक अच्छा व उपयोगी आलेख बनाता है। अन्य रचनाएं, समीक्षाएं व पत्र एवं समाचार अपेक्षित स्तर के हैं।
एक टिप्पणी भेजें