पत्रिका: हिन्दुस्तानी ज़बान, अंक: अपै्रल-जून10, स्वरूप: त्रैमासिक, संपादक: डाॅ. सुशीला गुप्ता, पृष्ठ: 52, मूल्य:10(वार्षिक: उपलब्ध नहीं), ई मेल: hp.sabha@hotmail.com , वेबसाईट/ब्लाॅग: उपलब्ध नहीं, फोन/मो. 22812871, सम्पर्क: महात्मा गांधी मेमोरियल रिसर्च सेन्टर, महात्मा गांधी बिल्डिंग, 7-नेताजी सुभाष रोड़, मुम्बई 400.002 (महाराष्ट्र)
हिंदी और उर्दू ज़बान में एकसाथ प्रकाशित होने वाली पत्रिका का हिंदुस्तानी ज़बान का यह अंक गांधी साहित्य से जुड़ी कुछ पाठकोउपयोगी सामग्री संजोए हुए है। प्रकाशित प्रमुख आलेखों में हमारे फलक का एक सिताराःधु्रवतारा(कनक तिवारी), कबहंुक हौं यहि रहनि रहौगौ(डाॅ. सुशीला गुप्ता), साहित्यिक आलोचना और महिला रचनाकार(डाॅ.अमर सिंह वधान) एवं शब्दों के संबंधी(डाॅ. सुरेन्द्र वर्मा) प्रमुख है। इन आलेखों का मूल स्वर गांधीवाद व गांधी विचारधारा है। पत्रिका की अन्य रचनाएं व अभय मुकाशी का आलेख आकर्षित करता है। उर्दू भाग में प्रकाशित रचनाएं भी गांधीवादी साहित्य से जुड़ी सामग्री से सजी हुई है।
सुशीला जी को बधाई ...., वैसे कम से कम एक अंक तो उन्हे 'भारतीय लेखिका परिषद' लखनऊ को भेजना ही चाहिए ।
जवाब देंहटाएंडाॅ. सुशीला गुप्ता,जी को मेरी तरफ़ से भी बधाई, ओर आप का धन्यवाद इस जानकारी को हम तक पहुचाने के लिये
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छा प्रयास है जो देश की एकता और अखंडता को प्रेम के सूत्र से मज़बूत करेगा.....!
जवाब देंहटाएंबढ़िया । इस बार के कथन का ज़िक्र कर देना 4 ब्लॉगर एक साथ है
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