
कर्नाटक से विगत 41 वर्ष से निरंतर प्रकाशित यह पत्रिका हिंदी भाषा एवं साहित्य के लिए समर्पित है। अंक में जनउपयोगी रचनाओं का प्रमुखता से स्थान दिया जाता है। समीक्षित अंक में रामशरण युयुत्सु, गणेश गुप्त, डाॅ. वीरेन्द्र सिंह यादव, डाॅ. अमर सिंह वधान, कांति अयैर, विनोद चंद्र पाण्डेय, चैधरी गनपत भाई आर, गोकुलानंद शर्मा एवं प्रो. बी. वै. ललिताम्बा के विविध विषयक आलेखों का प्रकाशन किया गया है। राजकिशोर सक्सेना ‘राज’ की कहानी व बी. गोविंद शैनाय लघुकथा अच्छी बन पड़ी है। अंक में डाॅ. मित्रेश कुमार गुप्त, सीताराम शेरपुरी, देवेन्द्र पाठक ‘महरूम’ हितेश कुमार शर्मा एवं कमल सिंह चैहान की कविताएं प्रभावशाली हैं।
जानकारी देने के लिए शुक्रिया।
जवाब देंहटाएंdhanywad
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