
नाट्य विधा पर एकाग्र इप्टावार्ता के इस 35 वें अंक में नाट्य आधारित रचनात्मक सामग्री प्रकाशित की गई है। जबलपुर की ख्यात कलासंस्था विवेचना के सोलहवें राष्ट्रीय नाट्य समारोह के अवसर पर मंचित नाटक ‘मित्र’ के प्रभावी प्रस्तुतिकरण का समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किया गया है। दुर्दिन में लोकविधा(रोहित कौशिक) आलेख में नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति व उसकी कठिनाईयों पर विस्तार से लिखा है। विवेचना जबलपुर के समारोह की जानकारी आकर्षित करती है। रंग खबर के अंतर्गत प्रकाशित समाचार तथा जानकारियां पाठकों के ज्ञान में आशातीत वृद्धि करते हैं।
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