
पत्रिका के इस अंक में देशपाल सिंह सेंगर, नीति अग्निहोत्री तथा अनिल शर्मा ‘अनिल’ की कहानियों का प्रकाशन किया गया है। इन कहानियों की विषय वस्तु आकर्षित करती है। वसंत पर रामचरण ‘युयुत्सु’ का आलेख अच्छा व जानकारीपरक है। दिनेश पाराशर, निर्मला जोहरी, अक्षय गोजा व अर्पणा चतुर्वेदी की कविताएं अपने प्रस्तुतिकरण में प्रभावशाली हैं। आकांक्षा यादव व लेखराम शर्मा की लघुकथाओं में नवीनता व परिपूर्णता है। पत्रिका के अन्य स्तंभ, समाचार तथा समीक्षाएं भी पाठकोपयोगी हैं। उर्मि कृष्ण जी का संपादकीय हर लघु पत्रिका की आवश्यकता व उपयोगिता पर प्रकाश डालता है।
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