पत्रिका-नारी अस्मिता, अंक-सितम्बर-फरवरी.10, स्वरूप-त्रैमासिक, संपादक-डाॅ. रचना निगम, पृष्ठ-52, मूल्य-20 रू.(वार्षिक 80रू.), सम्पर्क-15 गोयागेट सोसायटी, शक्ति अपार्टमेंट, बी. ब्लाक, द्वितीय तल, एस/3 , प्रतापनगर, वडोदरा 390004 गुजरात, स्त्री विषय प्रधान इस पत्रिका का स्वरूप साहित्यिक सांस्कृतिक है। इस अंक में डाॅ. सरला अग्रवाल, ाजशेखर व्यास, डाॅ. राम तिवारी एवं डाॅ. नीरजा माधव के पाठकोपयोगी आलेखों का प्रकाशन किया गया है। पत्रिका में प्रकाशित कहानियों में से मां का आंचल(विनोदिनी गोयनका), मोक्ष(डाॅ. रानु मुखर्जी) एवं दुनिया तो है(श्रीमती चमेली जुगरान) अच्छी कहानियां है। प्रणवकुमार, अरूण कुमार भट्ट एवं मीनाक्षी अवस्थी की कविताएं आज के संदर्भ से जुड़ी हुई है। महाश्वेता चतुर्वेदी एवं उमाश्री के गीत गुनगुनाने के योग्य हैं। पत्रिका के अन्य स्थायी स्तंभ, पत्र समीक्षाएं व रचनाएं भी साहित्य जगत के लिए उपयोगी हैं।
बेचारी!!! यह आज दुखी नारी.......
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