
पत्रिका के इस अंक में प्रेम गीतों को प्रमुखता से स्थान दिया गया है। इस विधा पर प्रकाशित प्रमुख रचनाओं में - जगदीश श्रीवास्तव, मनोज जैन, डाॅ गोपाल दास नीरज, चंद्रसेन विराट, हरिवल्लभ श्रीवास्तव तथा डाॅ. प्रेमलता नीलम की रचनाएं प्रभावित करती हैं। डाॅ. कुअंर बेचैन, डाॅ. मालती शर्मा के आलेख अपनी शिल्पगत विशेषता के कारण अच्छे बन पड़े हैं। जंगबहादुर श्रीवास्तव पर एकाग्र खण्ड भी अच्छा है तथा उससे उपयोगी जानकारी मिलती है। पत्रिका की अन्य रचनाएं व स्थायी स्तंभ भी आकर्षित करते हैं।
धन्यवाद जी
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