पत्रिका-शुभ तारिका, अंक-नवम्बर.09,स्वरूप-मासिक, संपादक-श्रीमती उर्मि कृष्ण, पृष्ठ-94, मूल्य-25रू(इस अंक का). (वार्षिक 120रू.), सम्पर्क-कृष्णदीप ए-47, शास्त्री कालोनी, अम्बाला छावनी, 133001(हरियाणा), फोनः (0171)2610483, ईमेलः urmi.klm@gmail.com
हिंदी साहित्य की ख्यात पत्रिका शुभ तारिका का यह हरियाणा अंक है। पत्रिका हमेशा कुछ न कुछ नया करती है जिससे उसके अंक संग्रहयोग्य हो जाते हैं। इस पत्रिका को साहित्य की दृष्टि से हरियाणा पर केेन्द्रित किया गया है। अंक में प्रकाशित प्रमुख आलेखों में - डाॅ. उषा लाल, डाॅ. महासिंह पूनिया, प्रो. भीमसिंह, मनीष भल्ला, आनंद प्रकाश आर्टिस्ट, सुनीता गौरा, राजेश बुध, प्रो. पूर्णचंद्र शर्मा, डाॅ. ओम निश्चल, ओमप्रकाश कादयान, सुनीता आनंद, सुमन कादयान, पंकज शर्मा, रामशरण, संदीप कपूर, विजय कुमार के आलेख उल्लेखनीय है। इन आलेखों में हरियाणा की साहित्य व उसकी परंपरा से संबंधित पाठकोपयोगी सामग्री का प्रकाशन किया गया है। अन्य रचनाओं में रजकिशन नैन की हरियाणवी में रचना ‘दरोपती का तप’, लोककथा ‘कंजूस बनिया’(प्रमीला गुप्ता) पत्रिका के स्तर में वृद्धि करते हैं। पूजा सिसौदिया एवं उर्मिला कौशिक की कहानियां आज के वातावरण व उसके प्रभाव से अपने आप को बचाकर चली है। पृथ्वाीराज अरोड़ा, उर्मि कृष्ण, डाॅ. नरेश गुप्ता एवं विक्की नरूला की लघुकथाएं आज की विद्रूपताओं पर प्रकाश डालती हैं। कविताओं में गौरी, निर्मला जौहरी, घमंडीलाल अग्रवाल, मदनलाल वर्मा, यश खन्ना, ओमीश पारूथी एवं डाॅ. राणाप्रताप गन्नौरी ने नए संदर्भो का अच्छ प्रयोग किया है। पत्रिका की अन्य रचनाएं, स्तंभ व पत्र आदि भी प्रभावोत्पादक व जानकारी परक हैं। एक और अच्छे अंक के लिए बधाई।

1 تعليقات

  1. पत्रिका बेहद बहुत अच्छी है। नये लेखतों के लिये कारगर भी, लेकिन एक कमी है, सालाना शुल्क भेजने के बाद 7-8 अंक से ज़्यादा नहीं मिल पाते हैं। शिकायत करने का भी कोई फायदा नहीं होता है। ये मेरा अनुभव है।
    --मार्टिन देहाती

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