पत्रिका-शुभ तारिका, अंक-अक्टूबर.09, स्वरूप-मासिक, संपादक-श्रीमती उर्मिकृष्ण, पृष्ठ-34, मूल्य-रू.12(वार्षिक 120रू.), सम्पर्क-कृष्णदीप ए-47, शास्त्री कालोनी, अम्बाला छावनी 133001 फोनः 0171-2610483 (भारत)
पत्रिका के समीक्षित अंक में पुरस्कृत कहानियों का प्रकाशन किया गया है। कहानी प्रतियोगिता का आयोजन गोवा निवासी साहित्यकार श्रीमती जयश्री राय ने किया था। तीनों कहानियां विशेष महत्व रखती हैं। गंगा सागर(माला वर्मा), मेरी जिंदगी अपनी है(गीता जैन) एवं वह लड़की(पंकज शर्मा) अपनी विषय वस्तु के साथ् ा न्याय करती हुई दिखाई देती हैं। इन कहानियों में आज के सदर्भ भी कहीं न कहीं जुडे़ हुए हैं। लघुकथाओं में डाॅ. शमीम देवबन्दी, किशन लाल शर्मा, नीलम राकेश, चन्द्रभानु, गिरिजा कुलश्रेष्ठ व आलोक भारती की लघुकथाएं अच्छी व पठ्नीय हैं। डाॅ. महाराज कृष्ण जैन का पत्रकारिता पर लिखा गया आलेख पत्रिका की प्रमुख रचना है। कविताओं में केदारनाथ सविता, बालकवि बैरागी, अपर्णा चतुर्वेदी एवं रमेश मनोहरा प्रस्तुतीकरण के दृष्टिकोण से प्रभावित करती हैं। पत्रिका की अन्य रचनाएं व समीक्षाएं तथा पत्र आदि भी इसे आम पाठक के लिए उपयोगी बनाते हैं।

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1 टिप्पणियाँ

  1. शुभतारिका अच्छी पत्रिका है। कवितायें बहुत कम हैं जो स्तरिये होती हैं। उसकी नियमित पठक हूँ। हाँ सूचनाओं के लिये पत्रिका अच्छी है धन्यवाद्

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