
पत्रिका में गीता पर उल्लेखनीय सामग्री का प्रकाशन किया जाता है। समीक्षित अंक में गीता के अध्याय सात में ज्ञान-विज्ञान-योग व नवमावतार-भगवान गौतम बुद्ध पठनीय व जीवन में उतारने योग्य आलेख हैं। पीपल पर भी संक्षेप में उसकी महत्ता बताते हुए पौराणिक महत्व के साथ साथ आज के संदर्भ में उपयोगिता का उल्लेख किया गया है। दण्डकारणय में दस वर्ष तथा राजकुमार उत्तर भारतीय संस्कृति की विश्व में उपयोगिता व उसके महत्व को रेखांकित करते हैं। पत्रिका का प्रयास सामाजिक सांस्कृतिक चेतना जाग्रत कर लोगों के जीवन स्तर को सुधारना है।
बहुत सुंदर जानकारी दी आप ने.धन्यवाद
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