
साहित्य सागर का समीक्षित अंक कहानी अंक है जिसमें छः कहानियां सम्मलित हैं। इनमें मां हम अकेले रह सकते हैं(लता अग्रवाल), आश्रयदाता(कैलाश जायसवाल) तथ सरपंच पति(सतीश श्रीवास्तव) बहुत ही अच्छी रचना बन पड़ी हैं। देवेन्द्र कुमार मिश्रा, हरिवल्लभ श्रीवास्तव की कविताएं दिल को छू लेती हैं। पत्रिका का दूसरा खण्ड सनातन कुमार वाजपेयी जी पर एकाग्र है। उन पर लिखे गए आलेखों में भगवत दुबे, मदन मोहन अवधिया वाजपेयी जी की साहित्यिक यात्रा Agra_Hotels
Agra_Hotels
पर विस्तृत रूप से प्रकाश डालते हैं। संपादक के अनुसार ‘प्रेमचंद्र और शरतचंद्र की कहानियां भारतीय हिंदी साहित्य की अनमोल धरोहर हैं’ बिलकुल ठीक वक्तव्य है। मेरे विचार से तो इन दोनों रचनाकारों की तुलना में विश्व के कथा साहित्य में गिने चुने ही लेखक हैं। इस अच्छे अंक के लिए बधाई।
साहित्य सागर के विविध अंकों के प्रति आपके सदभाव पूर्ण सार्थक विचारों एवं टिप्पणियों के लिए साधुवाद. कृपया संपर्क बनाए रखिए. - कमलकांतसक्सेना.
ردحذفसाहित्य सागर के विविध अंकों के प्रति आपके सदभाव पूर्ण सार्थक विचारों एवं टिप्पणियों के लिए साधुवाद. कृपया संपर्क बनाए रखिए. - कमलकांतसक्सेना.
ردحذفإرسال تعليق