
पत्रिका का यह अंक प्रकाश दीक्षित की साहित्यिक उपलब्धियों की पड़ताल करता है। प्रगतिशील रचनाधर्मी प्रकाश दीक्षित ने लगभग तीन उपन्यास, दो नाटक, तीन सौ के लगभग कहानियों सहित सैकड़ों कविताएं लिखी हैं। उनके लेखन की प्रेरणा तथा सृजन की आवश्यकता पर भगवान सिंह निरंजन ने कई प्रश्न पूछे हैं। प्रकाश दीक्षित ने अधिकांश लेखन अपने आसपास के समाज को लेकर किया है। जिसे वे आज के संदर्भ में आवश्यक मानते हैं। ओम प्रकाश शर्मा ने अपने आलेख में प्रकाश दीक्षित के साहित्य की उपयोगिता व महत्व पर गंभीरतापूर्वक विचार किया है। समीक्षित अंक में प्रकाश दीक्षित की कविताएं तथा उनके साहित्यिक व्यक्तित्व को प्रकाश में लाने का सफल प्रयास किया गया है। एक और अच्छे अंक के लिए बधाई।
إرسال تعليق