
साहित्य संस्कृति की पत्रिका सनद विगत दो वर्ष से उपयोगी साहित्य प्रकाशित कर रही है। समीक्षित अंक मंे फ़जल इमाम मल्लिक का बहुत ही उपयोगी तथा तथ्यपरक आलेख ‘एटमी करार और मुसलमान’ प्रकाशित किया गया है। लेखक के अनुसार ‘समय के जिस मोड़ पर आज मुसलमान खड़ा है वहां उसे अब तय करना होगा और उन राजनीतिक दलों को बताना है कि अब वह महज राजनीतिक मोहरा नहीं है। फ़जल इमाम मल्लिक ने अल्पसंख्यक शब्द के भ्रमजाल में न उलझते हुए बहुत ही साफगोई के साथ अपनी बात कहीं है। पत्रिका में ज्ञानदेव मुकेश, माधव नागद तथा नदीम अहमद ‘नदीम’ की लघुकथाएं आज के वातावरण में संस्कृति की सुगंध बिखेरती है।
कविताओं में श्रीनिवास श्रीकांत, शबाब ललित, हरिशंकर सक्सेना, डाॅ. रंजना जायसवाल, राधेश्याम शुक्ल ने अत्यधिक प्रभावित किया है। पत्रिका के अन्य स्थायी स्तंभ तथा प्रतिक्रयाएं भी स्तरीय तथा प्रभावशाली हैं।
पत्रिका का संक्षिप्त सा परिचय मिला। धन्यवाद।
ردحذفजनहित में आप अच्छा कार्य कर रहे हैं!
ردحذفबधाई और शुभकामनाएँ!
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