
काव्य प्रधान पत्रिका आकंठ में दुर्गाप्रसाद झाला, प्रभा मजूमदार, महाश्वेता चतुर्वेदी, जनार्दन मिश्र, चांद शेरी, शकूर अनवर, अरूण कुमार शर्मा, संजीव बख्शी, लालजीराम मालवीय, की कविताएं प्रमुखता से प्रकाशित की गई हैं। प्रकाशित कविताओं व ग़जलों में ग्रामीण जीवन की झलक दिखाई देती है। साथ ही किताबों के प्रति चिंता तथा उल्लासमय जिंदगी की चाह का स्वर गूंजता है। शकूर अनवर की ग़ज़लों में जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण दिखाई देता है। पत्रिका के संपादक हरिशंकर अग्रवाल से राजेन्द्र परदेसी की बातचीत व्यक्तिगत न होकर प्रगतिशील चिंतन का आज के संदर्भ में विश्लेषण है। छोटे-से स्थान से प्रकाशित होने वाली छोटी पत्रिका होते हुए भी आकंठ बड़े एवं महत्त्वपूर्ण लक्ष्य लेकर चल रही है। बधाई
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