पत्रिका-अहल्या, अंक-मार्च।09, स्वरूप-मासिक, संपादक-श्रीमती आशादेवी सोमाणी, पृष्ठ-64, मूल्य-25रू.(वार्षिक 225रू.), संपर्क-14-1-498, ए ज्ञानबाग रोड़, पान मण्डी के पास, हैदराबाद 500.012 (भारत)
अहल्या दक्षिण भारत से प्रकाशित होने वाली प्रमुख साहित्यिक पारिवारिक पत्रिका है। समीक्षित अंक में समसामयिक विषयों पर अनेक आलेख प्रकाशित किए गए हैं। इनमें स्त्रियों का समाज में स्थान(श्रीमती वसुधा गुप्ता), संस्कार नोचने वाले(मधु हातेकर), मानसिकता बदलो(नारायण दास हेड़ा ‘शतदल’) तथा देश भक्त बेगम हजरत महल(डाॅ. शरद बंधु) है। पत्रिका की तीन प्रमुख कहानियां संकल्प(भैरूसिंह राव क्रांति), शेखचिल्लियों की दुकानदारी(प्रमोद भार्गव) तथा नौकरी मिली(तेलुगु कहानी-टी. गौरीशंकर, अनु. डाॅ. एस. रंगयप्पा) वर्तमान समकालीन समस्याओं को उठाकर उन्हें हल करने का मार्ग सुझाती है। लघुकथाएं सशक्त(ललित नारायण उपाध्याय) तथा उपयोगिता(रितेश अग्रवाल) आज प्रत्येक भारतीय की समस्या का स्पष्टीकरण है। पत्रिका की कविताएं प्रसंग, चुटकियां घरेलु टिप्स, रसोई तथा अन्य स्तंभ पत्रिका को रोचक बनाते हैं।

2 تعليقات

  1. हैदराबाद से निकलने वाली यह मासिक पत्रिका दो वर्षों से नियमित निकल रही है और यह पत्रिका विशेष रूप से महिलाओं में काफी चर्चित रही। इस पत्रिका की सम्पादक आशा देवी सोमाणीजी के इस प्रयास को साधुवाद॥

    ردحذف
  2. बहुत सुन्दर prayas...बधाई !!
    _______________________________
    गणेश शंकर ‘विद्यार्थी‘ की पुण्य तिथि पर मेरा आलेख ''शब्द सृजन की ओर'' पर पढें - गणेश शंकर ‘विद्यार्थी’ का अद्भुत ‘प्रताप’ , और अपनी राय से अवगत कराएँ !!

    ردحذف

إرسال تعليق

أحدث أقدم