
साहित्यिक पत्रिका हिमप्रस्थ अपने आलेखों के उत्कृष्टता के कारण हमेशा पाठकों का ध्यान आकर्षित करती है। पत्रिका पांच रूपए के साधारण से मूल्य पर संग्रह योग्य साहित्य उपलब्ध करवा रही है। समीक्षित अंक में ‘काव्य साहित्य में नारी विमर्श’(रामनिहाल गंुजन), ‘कश्मीरी संगीत’(सकीना अख़्तर), ‘क्रिसमस कथाओं में प्रेम और मानवीय मूल्य’(डाॅ. उषा वन्दे) तथा ‘कालजयी साहित्यकारःयशपाल’(पे्रम पखरोलवी) विशेष रूप से ध्यान आकर्षित करते हैं। तीनांे कहानियों में से ‘कीचड़’(जितेन्द्र कुमार) तथा ‘मिस पल्लवी’(भगवती प्रसाद द्विवेदी) अपने शिल्प के कारण पाठकों के जेहन में गहराई तक उतरती हैं। अर्चना सोमानी तथा सत्यनारायण भटनागर की लघुकथाएं लघुता में विस्तृत अर्थ के कारण अपनी पहचान बनाने में कामयाब रही है। जितेन्द्र कुमार, हेमंत शर्मा, वीरेन्द्र गोयल तथा ममता चैहान की कविताएं दूब पर पड़ी ओस की बूंदों के सदृश्य हैं। पत्रिका की अन्य रचनाएं समीक्षाएं तथा रामसिंह यादव का व्यंग्य ‘नौकरीपेशा लोग..’ भी पढ़ने योग्य हैं।
फ़िर से एक अच्छी जान्कारी के लिये धन्यवाद
ردحذفअच्छी जान्कारी|
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