
त्रैमासिक पत्रिका नया परिदृश्य का समीक्षित अंक प्रवेशांक है। पत्रिका का प्रकाशन बंगाल से हो रहा है यह हिंदी साहित्य की सर्वजन स्वीकार्यता को प्रदर्शित करता है। अंक में प्रकाशित कविताओं में रामकुमार कृषक, स्वदेश भारती, रामशंकर चंचल, विभारानी, मधुरेश जी, कैलाश पचैरी, रोहिताश्व आस्थाना, कमल सिंह चैहान तथा डाॅ. सुनील अग्रवाल की रचनाएं प्रभावशाली हैं। रमेश श्रीवास्तव, श्रीकांश व्यास तथा सुधा जैन की लघुकथाओं में कुछ नया पन दिखाई देता है। अजय श्रीवास्तव, मुन्नालाल प्रसाद, रामदेव शुक्ल तथा राजेन्द्र द ानी की कहानियां अच्छे परिवेश से निकली हुई हैं। आलेखों में रमणिका गुप्ता, निर्मला जोशी, मीनाक्षी श्रीवास्तव, तारा परमार, तथा जयप्रकाश मानस के आलेख अच्छे विषयों को उल्लेखनीय ढंग से प्रस्तुत करती हैं। पत्रिका की समीक्षाएं व अन्य रचनाएं भी प्रभावशाली हैं। भविष्य में भले ही पत्रिका में पृष्ठ कम हों पर सामग्री का प्रस्तुतिकरण और भी अच्छा होने की आशा की जाती है।
Agra_HotelsAgra_Hotels
अब तो आपके ब्लॉग की महत्ता बढ़ती ही जा रही है!
ردحذفजोश के साथ लगे रहिए!
मेरी शुभकामनाएँ सदैव आपके साथ हैं!
إرسال تعليق