पत्रिका-विश्व हिंदी समाचार-जून.09, स्वरूप-त्रैमासिक, प्रधान संपादक-डाॅ. (श्रीमती) विनोद बाला अरूण, संपादक-डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद मिश्र, पृष्ठ-12, मूल्य-पत्रिका पर पिं्रट नहीं है। सम्पर्क- World Hindi Secretariat, Swift Lane, Forest side, Mauritius email whsmauritius@intnet.mu
माॅरिशस से प्रकाशित हिंदी की यह समाचार पत्रिका विगत 2 वर्ष से निरंतर प्रकाशित हो रही है। पत्रिका के मुखपृष्ठ पर ‘विश्व हिंदी सचिवालय’ शासी परिषद् के नए सदस्य माननीय श्री एम.एम. कृष्णा(विदेश मंत्री)एवं माननीय श्री कपिल सिब्बल(मानव संसाधन एवं विकास मत्री) का स्वागत किया गया है। इसी पृष्ठ पर डाॅ. सुधेश के रंगीन छायाचित्र के साथ विश्व के लगभग 125 देशों में हिंदी पढ़ाए जाने में सहयोग देने की अपील की गई है। पत्रिका ने बहुत ही संुदर ढंग से ख्यात कथाकार, लेखक स्व.श्री विष्णु प्रभाकर के जीवन वृत्त पर प्रकाश डाला है। पत्रिका की प्रधान संपादक डाॅ. अरूण ने भी अपने संपादकीय में प्रभाकर जी के हिंदी साहित्य में योगदान की चर्चा समग्र रूप से की है। डाॅ. मिश्र ने अपने संपादकीय में हिंदी की लघु पत्रिकाओं के योगदान पर विस्तृत रूप से विचार व्यक्त किए हैं। विश्व हिंदी समाचार के समीक्षित अंक में हिंदी संगठन पोर्ट लुईस में वलवंत सिंह नौबत सिंह की पुस्तक ‘रामबिरिछ’ व टोरंटो से प्रकाशित हिंदी साहित्यिक पत्रिका ‘सौभाग्य’ के लोकापर्ण को विशेष रूप से स्थान दिया गया है। पत्रिका में इनके समाचारों से प्रत्येक हिंदी प्रेमी को यह आभास होता है कि विश्व स्तर पर भी हिंदी के लिए बहुत कुछ किया जा रहा है। यह अप्रवासी भारतीयों के हिंदी प्रेम को दर्शाता है। प्रवासी हिंदी साहित्य पर लंदन के नेहरू केन्द्र में आयोजित संगोष्ठी तथा प्रख्यात कथाकार सूर्यबाला को वाग्मणि सम्मान का समाचार भी पत्रिका ने प्रकाशित किया है। पुस्तक समीक्षा खण्ड के अंतर्गत ‘अनुवाद विज्ञान की भूमिका’ पर प्रकाशित पुस्तक की समीक्षा इस पुस्तक को पढ़ने के लिए प्रेरित करती है। ‘हिंद का विश्व परिदृश्य’ के अंतर्गत प्रकाशित समाचारों में विश्व हिंदी सचिवालय की महासचिव डाॅ. विनोद बाला अरूण के सम्मान में आयोजित गोष्ठी का समाचार पत्रिका के भारत प्रेम को दर्शाता है। ख्यात वरिष्ठ कथाकार राजेन्द्र यादव को जयजयवंती सम्मान तथा देवनागरी लेखन में एकरूपता की आवश्यकता एवं देवनागरी लिपि और सूचना प्रोद्योगिकी आलेख भी ज्ञानवर्धक तथा सूचनापरक हैं। पत्रिका के साफ संुदर आकर्षक साज-सज्जा युक्त अंक के लिए बधाई।

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