
आंध्रप्रदेश हैदराबाद से प्रकाशित होने वाली यह पत्रिका विशुद्ध साहित्य के लिए पूर्णतः समर्पित है। समीक्षित अंक मंे रचनाओं को संुदर ढंग से संयोजित किया गया है। डाॅ. अहिल्या मिश्र, शांति अग्रवाल, श्याम सख श्याम, पवित्रा अग्रवाल, प्रो. एस. शेषारत्नम, सरिता सुराणा, कमला प्र. बेखबर, की कहानियां प्रकाशित की गई हैं। आकांक्षा, पंकज शर्मा की लघुकथाएं तथा नृत्यगोपाल कटारे का व्यंग्य ‘नालायक होने का सुख’ पठनीय हैं। शैलेश भारतवासी, डाॅ. दुर्गानागवेणी, रामगोपाल गोयनका के आलेखों में नवीनता तथा पैनापन है। रमा द्विवेदी, कृष्णकुमार गोस्वामी, यासमीन सुल्ताना नकवी, प्रकाश सूना, रामगोपाल शर्मा ‘दिनेश’, सुषमा वेद एवं लक्ष्मीनाराण अग्रवाल की कविताएं पत्रिका के नाम के अनुरूप हैं। अन्य रचनाएं समीक्षाएं तथा पत्र आदि भी इसे उपयोगी व समयानुकूल बनाते हैं।
बहुत अच्छी जानकारी.
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