
पथ की कलम अब तक नियमित नहीं हो सकी है। इस पत्रिका का स्वरूप विविधतापूर्ण साहित्य प्रकाशित करने का है। अंक में कपिल देव राम, मोती प्रसाद गुप्ता, बाबूराम शर्मा, सोम्या सिंह, जलज भादुडी एवं मनमोहन बागड़ी के कुछ सारगर्भित आलेखों का प्रकाशन किया गया है। राणा सिंह, वीरेन्द्र यादव, कवि ‘शुष्क’, संजय कुमार, अर्पिता श्रीवास्तव, योगेन्द्र नारायण एवं पंकज कुमार राय की काव्य रचनाएं प्रभावशाली हैं। पत्रिका की अन्य रचनाएं भी पाठक पर अपना प्रभाव डालती हैं।
बहुत सुंदर.धन्यवाद
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