
कथा प्रधान पत्रिका ‘कथा बिंब’ के समीक्षित अंक में पांच कहानियां प्रकाशित की गई है। कोढ़ फूटेगा(नूर मोहम्मद ‘नूर’), राम-जीवन(देवेन्द्र सिंह), हेलिकाप्टर(राजीव सिंह), कस्तूरी(राजेन्द्र रावत) तथा कीड़े(शिवप्रसाद) शामिल हैं। हेलिकाप्टर तथा कस्तूरी कहानियां आज के आम जीवन की अपने कथ्य के माध्यम से जांच पड़ताल करती हैं। इनके कथाकारों ने अपने जीवन अनुभव को आम जन की दुःख तकलीफों के बीच से कथा का रूप दिया है। लघुकथाओं में ज्ञानदेव मुकेश तथा रामकुमार आत्रेय विशेष रूप से प्रभावित करते हैं। डाॅ. वरूण कुमार तिवारी, डाॅ. प्रभा मजुमदार, चंद्रसेन विराट, जय चक्रवर्ती, साहिल तथा सुरेन्द्र वर्मा की कविताएं तथा ग़ज़लें आकर्षित करती हैं। पत्रिका के अन्य स्थायी स्तंभ समीक्षाएं भी पठ्नीय तथा संग्रह योग्य हैं।
अखिलेश जी,
जवाब देंहटाएंआपका हिन्दी पत्रिकाओं के बारे में जानकारी जुटाना और उन्हें सुलभ बनाने का यह कार्य अनूठा और कठिन है। यह एक महान कार्य है क्योंकि जो लोग हिन्दी की विभिन्न पत्रिकाएं निकाल रहे हैं वे खुद एक महान काम कर रहे हैं। हिन्दी पत्रिकाओं के बारे में जानकारी का बहुत अभाव था जिसे आपने लगभग पूरा कर दिया है।
आपके सार्थक प्रयास के लिये साधुवाद! ऐसे ही अनेकानेक स्वतन्त्र सार्थक प्रयासों की जरूरत है।
अखिलेश जी आप बहुत अच्छा काम कर रहे हैं आज कुछ नयी कहानियो और साहित्यिक पत्रिकाओं की जन्कती मिली आपके ब्लॉग से .
जवाब देंहटाएंअखिलेश जी वर्तनी सम्बन्धी त्रुटियों को अन्यथा ना लें .
जवाब देंहटाएंआपका प्रयास सराहनीय है.
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