पत्रिका: हिमप्रस्थ, अंक: फरवरी 2011, स्वरूप: मासिक, संपादक: रणवीर सिंह राणा, आवरण/रेखाचित्र: सर्वजीत सिंह, , पृष्ठ: 64, मूल्य: 5 रू.(वार्षिक 60 रू.), मेल: himprasthahp@gmail.com ,वेबसाईट: उपलब्ध नहीं , फोन/मोबाईल: 0177.2633145, सम्पर्क: हिं.प्र. प्रिटिंग प्रेस परिसर, घोड़ा चैकी, शिमला 5
हिमप्रस्थ का समीक्षित अंक साहित्य के साथ साथ समाज से जुड़े अन्य विषयांे की रचनाओं से युक्त है। अंक में सुदर्शन वशिष्ठ, योगेशचंद्र शर्मा, राजीव कुमार, शशि भूषण शलभ, रमाकांत, मनोज शर्मा, अमरीका सिंह, एवं मुख्यमंत्री जी के आलेख रोचक व ज्ञानवर्धक हैं। कहानियों में पद्म भूषण अमिताभ, सरला अग्रवाल, श्याम सिंह सुना ने कुछ नवीन प्रयोग किए हैं जिन्हें पाठक अवश्य पसंद करेंगे। बनवारी लाल वैश्य का ललित निबंध साहित्यिकता के साथ साथ मार्धुय युक्त है। राजेन्द्र परदेसी की लघुकथा मृग तृष्णा अच्छा संदेश देती है, लीला मोदी ने भी लघुकथा विधा की ‘जिम्मेदारी’ कुशलता से निभाई है। श्याम नारायण श्रीवास्तव, प्रभात एवं सत्यनारायण स्नेही की कविताएं पत्रिका का विशिष्ठ भाग है। जसविंदर शर्मा का व्यंग्य निंदक नियरे राखिए प्रभावित करता है। पत्रिका की अन्य रचनाएं, समीक्षाएं भी पठनीय है।

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