पत्रिका: समकालीन अभिव्यक्ति अंक: मार्च2011, स्वरूप: त्रैमासिक, संपादक: उपेन्द्र कुमार मिश्र, पृष्ठ: 64, मूल्य: 15रू (वार्षिक: 60 रू.), मेल:samkaleen999@gmail.com ,वेबसाईट: उपलब्ध नहीं, फोन/मोबाईल: 011.26645001, सम्पर्क: 5, तृतीय तल, 984, वार्ड नं. 7, महरौली, नई दिल्ली 30
इस पत्रिका के प्रत्येक अंक में विशुद्ध साहित्य से संबंधित अच्छी रचनाएं प्रकाशित की जाती है। इस अंक में श्याम कुमार पोकरा, मदन मोहन प्रसाद तथा रूपलाल बेदिया की कहानियां प्रकाशित की गई है। रूपलाल बेदिया की कहानी झाड़ियों की ओर से आती खुशबू की नवीनता तथा प्रस्तुतिकरण कहानी की विशेषता है। ख्यात कवियों की जन्मशती पर प्रकाशित इस पत्रिका के लेखों में कोई नयापन नहीं है। डाॅ. नलिन तथा श्रीरामप्रसाद ने बिना किसी अतिरिक्त अनुसंधान अथवा प्रयास के पत्रिकाओं में प्रकाशित सामग्री को अपने ढंग से प्रस्तुत किया है। जिससे इन लेखों से कोई नई बात सामने नहीं आती है। वरूण कुमार तिवारी, संदीप अवस्थी को छोड़कर अन्य कवियों की कविताएं अप्रभावी हैं। पत्रिका के इस अंक में बी.पी. कोटनाला का यात्रा वृतांत ‘लद्दाख की गोद में खेलती बहुरूपणी सिंधु’ अच्छी व रचना है। जिसे पढ़कर पाठक को भी लद्दाख यात्रा का अनुभव होता है। अशोक अंजुम की ग़ज़ल तथा अशोक जैन पोरवाल की लघुकथा ठीक ठाक हैं। पत्रिका के अन्य स्तंभ, रचनाएं व पत्र आदि अन्य पत्रिकाओं की तरह से महज खानापूर्ति ही करते हैं। (समीक्षा जनसंदेष टाईम्स में दिनांक 05.06.2011 को प्रकाशित हो चुकी है।)

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