पत्रिका: हिंदुस्तानी जबान, अंक: अपै्रल-जून 2011, स्वरूप: त्रैमासिक, संपादक: सुशीला गुप्ता, पृष्ठ: 96, मूल्य: 10रू(वार्षिक 100रू.), ई मेल: hp.sabha@hotmail.com ,वेबसाईट: उपलब्ध नहीं, फोन/मोबाईल: 022.22812871, सम्पर्क: महा.गां. मेमोरियल रिसर्च सेंटर, 7, नेताजी सुभाष रोड़, मुम्बई 400002
हिंदी तथा उर्दू जबान में एकसाथ प्रकाशित इस पत्रिका का स्वरूप गांधीवादी है। समीक्षित अंक में संपादकीय के अंतर्गत सुशीला गुप्ता ने देश में बढ़ते भ्रष्टाचार पर अपनी बात रखी है। वर्तमान संदर्भ में उनका यह कहना कि, ‘उसे जड़ से उखाड़ने के लिए उसकी तह तक जाना होगा।’ पत्रिका के अनेक लेखों में भ्रष्टाचार के मुद्दे को उठाकर उससे निपटने के तरीकों से अवगत कराया है। संस्कृति भाटिया, सैयद नज़र फातमा, शीतल परकाश, राधा बाकले ने संक्षेप में समस्याओं के सामधान की तरफ संकेत किया है। महीप सिंह, धीरज भाई वणकर, संजीव कुमार दुबे, हरेश सदाशिव स्वामी, लालमणि त्रिपाठी ने साहित्य से जुड़े विषयों को आज के संदर्भ में प्रस्तुत किया है। पत्रिका की अन्य रचनाएं, समीक्षाएं तथा पत्र आदि भी उपयोगी हैं। इसी तरह से उर्दू खण्ड की सामग्री भी हिंदी के साथ साथ उर्दू जानने समझने वाले पाठकों के लिए अतिआवश्यक है।

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