पत्रिका: साहित्य परिक्रमा अंक: अप्रैल-मई-जून 2011, स्वरूप: त्रैमासिक, संपादक: मुरारीलाल गुप्त गीतेश, पृष्ठ: 64, मूल्य: 15रू(द्वैवार्षिक 100रू.), ई मेल: shridhargovind@gmail.com ,वेबसाईट: उपलब्ध नहीं, फोन/मोबाईल: 09425407471, सम्पर्क: राष्ट्रोत्थान भवन, माधव महाविद्यालय के सामने, नई सड़क, ग्वालियर म.प्र.

साहित्यिक पत्रिका के इस अंक में मानव की जीवन दृष्टि एवं उसके दृष्टिकोण पर आधारित रचनाओं को स्थान दिया गया हैै। अंक में प्रत्येक रचनाओं में इस भावना की अभिव्यक्ति महसूस की जा सकती है। बौद्धिक क्षेत्र में गिरती गिरावट(शंकर शरण), महान समाज सुधारक संत पीपाजी(ललित शर्मा), नरेन्द्र कोहली के उपन्यास में श्रीकृष्ण(किरण कुमारी) जैसे लेख जीवन दृष्टिकोण के सबल पक्ष को ध्यान में रखते हुए लिखे गए हैं। एकांकी अस्तित्व(मनोहरलाल आनंद), कहानी चरण स्पर्श(उषा जायसवाल) तथा नीलिमा टिक्कू की लघु कथाएं भी इस दृष्टिकोण की प्रतिपूर्ति करती है। गोपाल कृष्ण का व्यंग्य भी अच्छा व नवीनता लिए हुए है। राम अधीर, आशा शर्मा, घमंड़ी लाल अग्रवाल तथा नलिनी कांत की कविताएं जीवन दृष्टि इर्दगिर्द अपनी उपस्थित दर्ज कराती है। पत्रिका की अन्य रचनाएं भी विशिष्ठता लिए हुए हैं।

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