पत्रिका : समकालीन अभिव्यक्ति, अंक : अप्रैलसितम्बर 2010, स्वरूप : त्रैमासिक, संपादक : उपेन्द्र कुमार मिश्र, पृष्ठ : 64, मूल्य : 15रू.(वार्षिक 50 रू.), ई मेल : , वेबसाईट/ब्लॉग : , फोन/मो. 011.26645001, सम्पर्क : फ्लैट नं. 5, तृतीय तल, 984, वार्ड नं. 7, महरौली, नई दिल्ली 30
पत्रिका समकालीन अभिव्यक्ति का समीक्षित अंक में कई पाठकोपयोगी रचनाओं का प्रकाशन किया गया है। अंक में प्रकाशित कहानियों में मेमना से मेमना सिंह(कुंवर पे्रमिल), डोली(अखिलेश निगम) तथा उससे उस तक(संतोष माझी) प्रमुख हैं। प्रो. वंशीधर त्रिपाठी, कैलाश चंद्र भाटिया व आकांक्षा यादव के लेख नवीनता लिए हुए हैं। डॉ. गंगाप्रसार वरसैया का व्यंग्य, अनिल डबराल का आलेख प्रस्तर पर बिखरा सौन्दर्य तथा बुद्धिप्रकाश कोटनाला का यात्रा वृतांत अच्छी रचनाएं कही जा सकती हैं। राग तेलंग, अशोक अंजुम तथा तेजराम शर्मा की कविताओं को छोड़कर अन्य कविताएं प्रभावहीन हैं। रामशांकर चंचल की लघुकथा ॔आदमी की नियत’ को छोड़कर अन्य लघुकथाएं महज चुटकुलेबाजी ही लगती हैं। पत्रिका के अन्य स्थायी स्तंभ भी अपनी उपयोगिता सिद्ध करने में काफी हद तक सफल रहे हैं।

1 टिप्पणियाँ

  1. शुक्ल जी.
    आपके सराहनीय प्रयास का मैं सदैव प्रशंसक रहूँगा.
    समकालीन साहित्य पत्रिका की समीक्षा में आपके द्वारा
    """ को छोड़कर अन्य लघुकथाएं महज चुटकुलेबाजी ही लगती हैं। ""
    लिखा जाना आपकी निर्भीकता का परिचायक है.
    कृपया इस हौसले को भविष्य में भी बरकरार रखें.

    आपका
    - विजय तिवारी ' किसलय ' जबलपुर
    हिन्दी साहित्य संगम जबलपुर

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