पत्रिका: समावर्तन, अंक: सितम्बर 2010, स्वरूप: मासिक, संपादक अध्यक्ष: रमेश दवे, प्रधान संपादक: मुकेश वर्मा, पृष्ठ: 90, मूल्य:25रू.(.त्रैवार्षिक 250रू.), मेल: samavartan@yahoo.com , वेबसाईट/ब्लाॅग: उपलब्ध नहीं, फोन/मो. 0734.2524457, सम्पर्क: माधवी 129, दशहरा मैदान, उज्जैन .प्र.
पत्रिका समार्वतन का समीक्षित अंक ख्यात व्यंग्यकार उपन्यासकार श्रीलाल शुक्ल जी पर एकाग्र है। शुक्ल जी हरिशंकर परसाई, रवीन्द्रनाथ त्यागी एवं शरद जोशी की परंपरा के व्यंग्यकार हैं। उनके समग्र लेखन व साहित्यिक यात्रा पर विनोद शाही, जवाहर चैधरी, रवीन्द्रनाथ त्यागी, गिरीश रस्तोगी, दामोदरदत्त दीक्षित ने सारगर्भित लेख लिखे हैं। श्रीलाल शुक्ल जी से साक्षात्कार के अंश नए लेखकों के उपयोगी हैं। अनिता सिंह चैहान,इन्दुप्रकाश कानूनगो तथा लघुकथाओं में प्रतापसिंह सोढ़ी एवं रामसिंह यादव प्रभावित करते हंै। ख्यात रंगकर्मी गिरजा देवी पर एकाग्र परिशिष्ट उपयोगी व संग्रह योग्य है। ख्यात आलोचक परमानंद श्रीवास्तव, राग तेलंग, संदीप राशिनकर के लेख रंग की छटाओं को बिखरने में पूर्णतः सफल रहे हैं। कमल किशोर गोयनका, प्रमोद त्रिवेदी एवं सूर्यकांत नागर के लेख पत्रिका की शानदार प्रस्तुति है। समावर्तन की अन्य रचनाएं, समीक्षाएं एवं समाचार भी इसे एक स्तरीय साहित्यिक, कलात्मक पत्रिका का दर्जा प्रदान करते हैं।

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