पत्रिका: मैसूर हिंदी प्रचार परिषद पत्रिका, अंक: अगस्त2010, स्वरूप: मासिक, प्रधान संपादकः डाॅ.बी. रामसंजीवैया, गौरव संपादक: डाॅ. मनोहर भारती, पृष्ठ: 52, मूल्य:5रू.(.वार्षिक 50रू.), ई मेल: brsmhpp@yahoo.co.in , वेबसाईट/ब्लाॅग: उपलब्ध नहीं, फोन/मो. 080.23404892, सम्पर्क: मैसूर हिंदी प्रचार परिषद, 56, वेस्ट आॅफ कार्ड रोड़, राजाजी नगर, बेंगलूर कर्नाटक
दक्षिण की प्रमुख हिंदी पत्रिका मैसूर हिंदी प्रचार परिषद के समीक्षित अंक में आलेखों व अन्य रचनाओं का प्रस्तुतिकरण प्रभावित करता है। अंक में प्रेम की तीव्र अनुभूति और कालजयी साहित्य(एस.पी. केवल), हिंदी विश्व पटल पर(अनिरूद्ध सिंह सेंगर), हिंदी को आपका अपनत्व चाहिए(मोहन भारतीय), हिंदी से कैदियों के जीवन में जागी नई उमंग(अनिल सावले) उल्लेखनीय रचनाएं हैं। अन्य पठनीय रचनाओं में वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली का प्रयोग(पी. के. जयलक्ष्मी), धूूमिल काव्य में विद्रोही चेतना(अमर सिंह वधान), डाॅ. फर्डिनाॅण्ड किटेल(प्रो. बी.के. ललिताम्बा), साहित्य के सामाजिक सरोकार प्रभावित करते हैं। प्रियंका सोनी, अंजु दुआ जैमिनी, एस.के. जैन लाॅगपुरिया, भानुदत्त त्रिपाठी मधुरेश, सतीश वर्मा, लालता प्रसाद मिश्र लाल की कविताएं आज के समाज की विसंगतियों को उजागर करने में सफल रही हैं।

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