पत्रिका: विश्व हिंदी समाचार, अंक: जून10, स्वरूप: त्रैमासिक, संपादकः डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद मिश्र, पृष्ठ: 12, मूल्य:उपलब्ध नहीं (वार्षिक उपलब्ध नहीं), ई मेल: whsmauritus@intnet.mu, वेबसाईट/ब्लाॅग: उपलब्ध नहीं, फोन/मो. 230.6761196, सम्पर्क: World Hindi Secretariat, Swift Lane, Forest Side, Mauritius
माॅरिशस से प्रकाशित विश्व हिंदी समाचार पत्रिका विश्व भर के साहित्य समाचारों को प्रमुखता से प्रकाशित करती है। इस अंक में मुख पृष्ठ पर विश्व हिंदी सचिवालय के नए सदस्यों से संबंधित जानकारी प्रकाशित की गई है। नए मंत्रिमंडल में शिक्षा एवं मानव संसाधन मंत्रालय का कार्यभार माननीय श्री बसंत कुमार बनवारी, विदेश स्थानीय सहकारिता एवं अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मंत्रालय का कार्यभार डाॅ. अरविन बुलेल तथा कला एवं संस्कृति मंत्रालय का कार्यभार श्री मुकेश्वर चुनी को दिया गया है। कथाचक्र परिवार की ओर से नवनियुक्त सदस्यों को बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं। दूसरे समाचार में पदमश्री जयरामन की अध्यक्षता में हुए सेमिनार में संयुक्त राष्ट्र संघ की मान्यता प्राप्त सूचि में शामिल करने की आवाज अमेरिका से उठी है। अब आशा की जा सकती है कि हिंदी अवश्य ही उस सूचि में शामिल हो सकेगी। हंगरी जैसे छोटे से देश में हिंदी के संबंध में लगाव की जानकारी डाॅ. मारिया न्यजैशी के लेख से मिलती है। एक अन्य समाचार में डाॅ. रामनिवास मानव के निजी पुस्तकालय में अद्वितीय पुस्तकों के संग्रह का समाचार उनकी अध्ययनशीलता की जानकारी देता है। अन्य प्रमुख समाचारों में डाॅ. दिव्या माथुर को डाॅ. हरिवंश राय बच्चन लेखन समाचार, परदेश में देश का रंग (फजल इमाम मलिक), खाली लिफाफा का लोकापर्ण(डाॅ. वरूण कुमार तिवारी), प्रयास के वेब संस्करण को लोकापर्ण, साहित्य संवाद नारी और मीडिया, एक मंच पर लाने का प्रयास(अनिल माहेश्वरी), अंडमान निकोबार में रवींद्रनाथ टैगोर की 150वीं जन्मशती के समाचार विश्व में हिंदी के विकास की जानकारी विस्तार से देते हैं। महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का समाचार(विभूति नारायण राय) का समाचार भारत ही नहीं विश्व में बढ़ती जा रही स्वीकार्यता पर प्रकाश डालता है। अमरीका में 25वें हिंदी कवि सम्मेलन की विस्तृत रिपोर्ट ग्लोबलाइज्ड अर्थ व्यवस्था में हिंदी का समाचार संक्षेप में काफी कुछ कह देता है। राष्ट्रीय अनुवाद मिशन से संबंधित समाचार अनुवाद के विकास व उसके स्वरूप में हो रहे विश्वव्यापी परिवर्तन की विस्तार से जानकारी देता है। इस विषय पर प्रो. कृष्ण कुमार गोस्वामी, श्री वी.एन. शुक्ल, श्री ब्रजेन्द्र त्रिपाठी, सुश्री सुरेन्द्र सैनी व डाॅ. जयनारायण कौशिक के विचार शीघ्र ही कार्यरूप में परिणित होगें ऐसी आशा है। पत्रिका के संपादक डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद मिश्र का संपादकीय हिंदी के प्रति जागरूकता पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है।

4 टिप्पणियाँ

  1. आपके माध्‍यम से जिन पत्रिकाओं की जानकारी मिल रही है, उनमें इस तरह की विश्‍व पत्रिका भी है, किंतु यदि वह वेब पर उपलब्‍ध न हो तो उसके प्रति औपचारिक सी बधाई देना होता है, इससे अधिक उत्‍साह नहीं बन पाता. यह मिठाई की दुकान और हलवे की मिठास जैसा है.

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  2. काश यह पत्रिका इच्छुक पाठकों तक पहुँच पाती .

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  3. हां जी, इसमें हमारा एक पत्र भी छपा है :)

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  4. बहुत अभुत धन्यवाद आप इतनी मेहनत कर के खुब सारी जानकारियां हम सब तक पहुचाते है

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