पत्रिका: ग़ज़ल के बहाने, अंक: फरवरी10, स्वरूप: उपलब्ध नहीं, संपादक: डाॅ. ‘दरवेश’ भारती, पृष्ठ: 32, मूल्य:निःशुल्क,ईमेल:ghazalkebhane.darvesh@gmail.com , वेबसाईट/ब्लाॅग: http://ghazaldarvesh.blogspot.com/ , फोन/मो. 09268798930, सम्पर्क: 1414/14, गांधी नगर, रोहतक 124001 हरियाणा
अरूज़ की कसौटी पर खरी उतरने वाली ग़ज़लें प्रकाशित करने वाली यह पत्रिका इस विधा में अद्वितीय है। प्रकाशित अंक में ताराचंद निर्विरोध, मरयम ग़ज़ाला, खन्ना मुज्जफरपुरी, अली अब्बास ‘उम्मीद’, हसन जहीर, मिर्जा हसन नासिर, सूर्यप्रकाश आष्ठाना, आशा शैली, अनुराग मिश्र, जितेन्द्र जौहर, शिवकुमार अर्चन, प्रकाश सूना तथा दरवेश भारती की बेहद खूबसूरत व तरक्कीपसंद ग़ज़लों का प्रकाशन किया गया है। पत्रिका की खास विशेषता यह है कि यह ग़ज़ल लेखन विधा व उसके शास्त्र पर समग्र रूप से प्रकाश डालती है।

6 टिप्पणियाँ

  1. इसे कैसे प्राप्त कर सकते हैं?

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  2. सुन्दर चर्चा. इसी बहाने कई महत्वपूर्ण पत्रिकाएं भी मिल जाती हैं. इन सद्प्रयासों के लिए साधुवाद !!

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  3. मेल बाउंस हो जा रहा है
    और
    ब्लॉग निष्क्रिय है!

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  4. ऐसे अनमोल मोती से अपना खजाना सजाना फक्र की बात है

    कैसे प्राप्त होगी बताएं
    मूल्य, सदस्यता शुल्क भी बता दें तो बल्ले बल्ले :):)

    venuskesari@gmail.com

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  5. नमस्कार श्रीमन ,
    नाचीज को रविश तिवारी कहते हैं.
    वैसे तो मैं कोई लेखक नहीं हु पर हाँ शौकिया कभी कभी कुछ लिख लेता हु.
    मै आप की पुस्तक की एक प्रति प्राप्त करने का इच्छूक हूँ, कृपया बताएं की इसे कैसे प्राप्त कर सकता हूँ.

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