पत्रिका-समय के साखी, अंक-अक्टूबर.09, स्वरूप-मासिक, संपादक-डाॅ. आरती, पृष्ठ-60, मूल्य-20(वार्षिक 220रू.), सम्पर्क-बी-308, सोनिया गाॅधी काम्पलेक्स, हजेला हाॅस्प्टिल के पास, भोपाल म.प्र. फोनः 9713035330, ईमेलः samaysakhi@gmail.com
मध्यप्रदेश से प्रकाशित होने वाली प्रमुख साहित्यिक पत्रिका ‘समय के साखी’ के इस अंक में गंभीर व विचारपूर्ण रचनाओं को स्थान दिया गया है। रवि श्रीवास्तव का आलेख ‘आधुनिकता, उत्तर आधुनिकता और हम’ पाठकों को कुछ ऐसे प्रश्नों के उत्तर देता है जिन पर वे अब तक विचार करते रहे हैं। अमृता शेरगिल की कला यात्रा पर डाॅ. चक्रधर ने जो जानकारी दी है वह संग्रह योग्य है। एस.एस. पटैल द्वारा अनुवादित रचनाएं संबंधित रचनाकारों से परिचित कराने में कामयाब रही है। पुरस्कार के क्षेत्र में मचे हुए घमासन तथा उसमें गहरे तक धंसी हुई राजनीति पर राम मूर्ति यादव ने अपने आलेख में विचार व्यक्त किए हैं। सूर्यकांत नागर तथा रजनीकांत पाण्डेय की कविताएं एवं सुभाष शर्मा तथा लता अग्रवाल की कहानियां आज की समयसापेक्ष रचनाएं हैं। राधेलाल विजघावने व अशोक ‘आनन’ की कविताएं भी पठनीयता से भरपूर हैं। हरीलाल मिलन व राजीव नामदेव ‘रान ा लिधौरी’ की ग़ज़लें बेहतर बन पड़ी हैं। पत्रिका की अन्य रचनाएं, समीक्षाएं तथा समाचार व सामयिकी भी जानकारीपरक तथा उपयोगी हैं। पत्रिका के इस अच्छे अंक के लिए बधाई।

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