पत्रिका-बाल वाटिका, अंक-मार्च.09, स्वरूप-मासिक, संपादक-डाॅ. भेरूलाल गर्ग, पृष्ठ-48, मूल्य-12रू.(वार्षिक 120रू.), संपर्क-नंद भवन कांदीखेड़ा पार्क, भीलवाड़ा 311.001 राजस्थान (भारत)

बाल वाटिका राजस्थान से प्रकाशित होने वाली प्रमुख बाल पत्रिका है। काव्य-कथा प्रधान इस पत्रिक ा की पाठ्य सामग्री मनोरंजक के साथ साथ शिक्षाप्रद भी है। समीक्षित अंक में सात कहानियां शामिल हैं जिनमें अश्वपति के कुत्ते(रमाकांत कांत’), देशप्रेमी मालव(राजकिशोर सक्सेना), सूर्य और परनाल(मुरलीधर वैष्णव) तथा लटका हुआ हथौड़ा(रमेश मयंक) बच्चों को हमेशा याद रहेंगी। कविताओं में अशोक महान(प्रभाष मिश्र), वीरांगना अजीजन(जगदीश शर्मा), कितने फागुन(डाॅ. तारादत्त ‘निर्विरोध’) बच्चों को गुनगुनाने के लिए बाध्य करती हैं। काव्य के इतिहास पुरूष(डाॅ. हरिप्रसाद दुबे) आलेख बच्चों को उपयोगी तथा अनुकरणीय जानकारी प्रदान करता है। पत्रिका के सभी स्थायी स्तंभ तथा समीक्षाएं इसे हर तरह से बच्चों की पत्रिका का दर्जा प्रदान करते हैं। आज देश भर में बाल साहित्य की बहुत अधिक कमी है जिसे यह पत्रिका काफी हद तक पूरा करती है।

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