पत्रिका-आसपास, अंक-फरवरी.09,स्वरूप-मासिक, संपादक-राजुरकर राज, मूल्य-5रू.60(वार्षिक), संपर्क-एच.03, उद्धवदास मेहता परिसर, नेहरू नगर भोपाल 462003 (भारत)
‘आसपास’ रचनाधर्मियों की मासिक संवाद पत्रिका है। पत्रिका समाचारों के साथ-साथ साहित्यकारों-रचनाधर्मियों के मध्य सेतु का कार्य कर रही है। उनके सुख-दुख, उपलब्धियों, सम्मानों, पुरस्कारों आदि की जानकारी विस्तार से देती है। समीक्षित अंक में जुगलबंदी के अंतर्गत लंदन निवासी तेजेन्द्र शर्मा के दुष्यंत कुमार संग्रहालय प्रवास पर एक रिपोर्ट प्रमुखता से प्रकाशित की गई है। पुर्नपाठ कार्यक्रम में हरि भटनागर की तीन कहानियों को पाठ का समाचार बहुत ही संक्षिप्त है, जिससे कार्यक्रम की रूपरेखा आदि की जानकारी नहीं मिल सकी। जुगलबंदी के अंतर्गत रिपोर्ट अधिक विस्तारपूर्वक लिखे जाने की आवश्यकता है। समाचारों के अंतर्गत ‘सुविधाओं को लेकर उर्दू अकादेमी में विवाद’, जितेन्द्र करते हैं बे्रल अखबार का संपादन(विभिन्न समाचार पत्रों से साभार लेकर) प्रकाशित किए गए हैं। सम्मान/पुरस्कार के अंतर्गत महत्वपूर्ण समाचार श्री कैलाश चंद्र पंत को साहित्य भूषण सम्मान की रिपोर्ट में उनके कृतित्व पर प्रमुख रूप से प्रकाश डाला गया है। ‘उल्लेखनीय’ खण्ड में संस्कृति सचिव श्री मनोज श्रीवास्तव द्वारा सुन्दर काण्ड के पुर्नपाठ को सात खण्ड़ों में लेखन का समाचार प्रकाशित किया गया है। पत्रिका के अन्य स्थायी स्तंभ भी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं। पत्रिका की जानकारियां संक्षेप में किसी ब्लाग या बेवसाइट पर उपलब्ध हो तो शोधरत विद्यार्थियों को बहुत लाभ होगा।

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