पत्रिका-हिमप्रस्थ,अंक--जनवरी09,स्वरूप-मासिक, संपादकरणजीत सिंह राणा, मूल्य5रू.वार्षिक-50रू. संपर्कहिमाचल प्रदेश प्रिटिंग प्रेस परिसर, घोड़ा चौकी, शिमला05 (भारत)
पत्रिका के समीक्षित अंक में हिमाचल की कला एवं संस्कृति पर केन्द्रित आलेख शामिल किए गए हैं। इनमें हिमाचल के हिंदी उपन्यास में लोक जीवन(डॉ. आशु फुल्ल), हिमाचल के आंदोलन का संगठित रूप(डॉ. हिमेन्द्र वाली ॔हिम’), मलाणा एक साम्राराज्य जो राख हो गया(डॉ. बी.एल. कपूर), स्मृति शेषःसुर्दशन फाकिर(राजेन्द्र राजन), इशिकावा ताकुबोकूः छोटे जीवन का बड़ा कवि प्रमुख है। पत्रिका की तीनों कहानियां पॄने योग्य है इनमें है न बाबा(डॉ. मदन मोहन वर्मा), स्वप्न4(डॉ. मदन चन्द्र भट्ट) तथा पहल(सीताराम गुप्ता) हैं। समीक्षित कहानियां में वर्तमान पी़ी का जीवन दर्शन उकेरा गया है। साधु शर्मा ॔दर्शक’ तथा महेन्द्र सिंह शेखावत की लघुकथाएं एवं जगदीश चन्द्र शर्मा, नरेन्द्र सोनी एवं अरूण कुमार शर्मा की कविताएं भी अच्छी पृष्ठभूमि पर किया गया चिंतन है। व्यंग्य, साक्षात्कार, पुस्तक समीक्षा एवं अन्य स्थायी स्तंभ भी उपयोगी जानकारी देते हैं।

1 टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने